Hindi KnowladgeHindi Knowladge
  • Home
  • News
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Sports
  • Tips
  • Tech
Facebook Twitter Instagram
Facebook Twitter Instagram
Hindi KnowladgeHindi Knowladge
Contact Us
  • Home
  • News
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Sports
  • Tips
  • Tech
Hindi KnowladgeHindi Knowladge
Home»कहानियाँ»Moral Stories In Hindi In Short प्रेरणादायक कहानियाँ
कहानियाँ

Moral Stories In Hindi In Short प्रेरणादायक कहानियाँ

Shivam KasyapBy Shivam KasyapMay 13, 2021No Comments6 Mins Read
moral stories in hindi in short
Share
Facebook Twitter Reddit Telegram Pinterest Email

moral stories in Hindi in short

ये छोटी – छोटी कहानियाँ आपके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है। इसलिए इन कहानियो को जरूर थोड़ा सा समय निकल कर पढ़ा कीजिये।

सबसे बड़ा पुण्यात्मा

काशी प्राचीन समय से प्रसिद्ध है। संस्कृत – विद्या का वह पुराना केंद्र है। उसे भगवान् विश्वनाथ की नगरी या विश्वनाथपुरी भी कहा जाता है। विश्वनाथजी का वहां बहुत प्राचीन मंदिर है। एक दिन विश्वनाथजी के पुजारी ने स्वप्न देखा कि भगवान् विश्वनाथ उससे मंदिर में विद्वानों तथ धर्मात्मा लोगों की सभा बुलाने को कह रहे हैं। पुजारी ने दूसरे दिन सबेरे ही सारे नगर में इसकी घोषणा करवा दी।

काशी के सभी विद्वान, साधु और दूसरे पुण्यात्मा दानी लोग भी गंगा जी में स्नान करके मंदिर में आये। सबने विश्वनाथ जी को जल चढ़ाया, प्रदक्षिणा की और सभा – मंडप में तथा बाहर खड़े हो गये। उस दिन मंदिर में बहुत भीड़ थी। सबके आ जानेपर पुजारी ने सबसे अपना स्वप्न बताया। सब लोग ‘हर हर महादेव’की ध्वनि करके शंकर जी की प्रार्थना करने लगे।
जब भगवान् की आरती हो गयी, घड़ी – घंटे के शब्द बंद हो गए और सब लोग प्रार्थना कर चुके, तब सबने देखा कि मंदिर में अचानक खूब प्रकाश हो गया है। भगवान् विश्वनाथ की मूर्ति के पास एक सोने का पत्र था, जिसपर बड़े – बड़े रत्न जड़े हुए थे। उन रत्नों की चमक से ही मंदिर में प्रकाश हो रहा था। पुजारी ने वह रत्न – जटित स्वर्ण पत्र उठा लिया। उस पर हीरों के अक्षरों में लिखा था —-‘सबसे बड़े दयालु और पुण्यात्मा के लिए यह विश्वनाथजी का उपहार है।

पुजारी बड़े त्यागी और सच्चे भगवद भक्त थे। उन्होंने वह पत्र उठाकर सबको दिखाया। वे बोले – ‘प्रत्येक सोमवार को यहाँ विद्वानों की सभा होगी। जो सबसे बड़ा पुण्यात्मा और दयालु अपने को सिद्ध कर देगा,उसे यह स्वर्णपत्र दिया जायगा।’
देश में चारों ओर यह समाचार फैल गया। दूर – दूर से तपस्वी, त्यागी,व्रत करने वाले,दान करने वाले लोग काशी आने लगे। एक ब्राह्मण ने कई महीने लगातार चन्द्रायण -व्रत किया था। वे उस स्वर्ण पत्र को लेने आये। लेकिन जब स्वर्ण पत्र उन्हें दिया गया,उनके हाथ में जाते ही वह मिटटी का हो गया। उसकी ज्योति नष्ट हो गयी। लज्जित होकर उन्होंने स्वर्ण पत्र लौटा दिया।पुजारी के हाथ में जाते ही वह फिर सोने का हो गया और उसके रत्न चमकने लगे।

एक बाबू जी ने बहुत – से विधालय बनवाये थे। कई स्थानों पर सेवाश्रम चलते थे। दान करते – करते उन्होंने अपना लगभग सारा धन खर्च कर दिया था। बहुत – सी संस्थाओ को वे सदा दान देते थे। अखबारों में उनका नाम छपता था। वे भी स्वर्ण पत्र लेने आये,किन्तु उनके हाथ में जाकर भी वह मिटटी का हो गया। पुजारी ने उनसे कहा – ‘आप पद,मान या यश के लोभ से दान करते जान पड़ते हैं।’ नाम की इच्छा से होनेवाला दान सच्चा दान नहीं है।

इसी प्रकार बहुत – से लोग आये, किन्तु कोई भी स्वर्ण पत्र पा नहीं सका। सबके हाथों में पहुँच कर वह मिटटी का हो जाता था। कई महीने बीत गये। बहुत – से लोग स्वर्ण पत्र पाने के लोभ से भगवान् विश्वनाथ के मंदिर के पास ही दान – पुण्य करने लगे। लेकिन स्वर्ण पत्र उन्हें भी मिला नहीं।

एक दिन एक बूढ़ा किसान भगवान् विश्वनाथ के दर्शन करने आया। वह देहाती किसान था। उसके कपड़े मैले और फटे थे। वह केवल विश्वनाथ जी का दर्शन करने आया था। उसके पास कपड़े में बँधा थोड़ा सत्तू और एक फटा कम्बल था। मंदिर के पास लोग गरीबों को कपड़े और पूड़ी – मिठाई बाँट रहे थे; किन्तु एक कोढ़ी मंदिर से दूर पड़ा कराह रहा था। उससे उठा नहीं जाता था। उसके सारे शरीर में घाव थे। वह भूखा था,किन्तु उसकी और कोई देखता तक नहीं था। बूढ़े किसान को कोढ़ी पर दया आ गयी। उसने अपना सत्तू उसे खाने को दे दिया और अपना कम्बल उसे उढ़ा दिया। वहां से वह मंदिर में दर्शन करने आया।

मंदिर के पुजारी ने अब नियम बना लिया था कि सोमवार को जितने यात्री दर्शन करने आते थे। सबके हाथमे एक बार वह स्वर्ण पत्र रखते थे। बूढ़ा किसान जब विश्वनाथ जी का दर्शन करके मंदिर से निकला, पुजारी ने स्वर्ण पत्र उसके हाथ रख दिया। उसके हाथ में जाते ही स्वर्ण पत्र में जड़े रत्न दुगुने प्रकाश से चमकने लगे। सब लोग बूढ़े की प्रशंसा करने लगे।
पुजारी ने कहा — ‘यह स्वर्ण पत्र तुम्हें विश्वनाथ जी ने दिया है। जो निर्लोभ है, जो दिनोंपर दया करता है, जो बिना किसी स्वार्थ के दान करता है और दुःखियों की सेवा करता है, वही सबसे बड़ा पुण्यात्मा है।’

moral stories in hindi in short

मक्खी का लोभ

एक व्यापारी अपने ग्राहक को शहद दे रहा था। अचानक व्यापारी के हाथ से छू   टकर शहद का बर्तन गिर पड़ा। बहुत ० सा शहद भूमिपर गिर गया। जितना शहद व्यापारी उठा सकता था,उतना उसने ऊपर – ऊपर से उठा लिया ; लेकिन कुछ शहद भूमि में गिरा रह गया।

बहुत – सी मक्खियाँ शहद की मिठास के लोभ से आकर उस शहद पर बैठ गयीं। मीठा – मीठा शहद उन्हें बहुत अच्छा लगा। जल्दी – जल्दी वे उसे चाटने लगीं। जबतक उनका पेट भर नहीं गया,वे शहद चाटने में लगी रहीं।
जब मक्खियों का पेट भर गया,उन्होंने उड़ना चाहा।लेकिन उनके पंख शहद से चिपक गए थे। उड़ने के लिए वे जितना छट पटाती थीं, उतने ही उनके पंख चिपकते जाते थे। उनके सारे शरीर में शहद लगता जाता था।

बहुत – सी मक्खियाँ शहद में लोट – पोट होकर मर गयीं। बहुत – सी पंख चिपकने से छटपटा रही थीं। लेकिन दूसरी नयी – नयी मक्खियाँ शहद के लोभ से वहां आती – जाती थीं। मरी और छटपटाती मक्खियों को देखकर भी वे शहद खाने का लोभ छोड़ नहीं पाती थीं।

मक्खियों की दुर्गति और मूर्खता देखकर व्यापारी बोला – ‘जो लोग जीभ के स्वाद के लोभ में पड़ जाते हैं,वे इन मक्खियों के सामान ही मुर्ख होते हैं। स्वाद का थोड़ी देर का सुख उठाने के लोभ से वे अपना स्वास्थ्य नष्ट कर देते हैं, रोगी बनकर छटपटाते हैं और शीघ्र मृत्यु के ग्रास ( भोजन ) बनते हैं।’

short moral stories in hindi

हमें उम्मीद है की आपको हमारी Moral Stories in Hindi पढ़ कर जरूर मज़ा आया होगा। यह Short Stories न केवल kids को पढ़ने में अच्छी लगती है बल्कि यह बड़े लोगों के मनोरंजन का साधन भी बनती है हम बच्चों के लिए ऐसी ही नई नैतिक कहानियाँ यहाँ पर डालते रहेंगे। यदि आपको हमारी नैतिक कहानियाँ पसंद आयी हो तो आप हमकों इसके बारे में नीचे comment भी कर सकते है।

और प्रेरणादायक कहानियाँ पढिये – Click Here

hindi moral stories kids moral stories moral stories moral stories for kids moral stories in hindi motivation stories in hindi motivation story motivation story in hindi
Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Telegram Reddit Email
Previous ArticleEnglish sentence in Hindi हिन्दी से अंग्रेजी वाक्य
Next Article English Sentence to Hindi रोज़ाना बोले जाने वाले वाक्य
Shivam Kasyap
  • Website
  • Facebook

I'm Shivam Kasyap, a passionate explorer of the vast realm of knowledge. At hindiknowladge.com, I embark on a journey to unravel the wonders of information and share them in the eloquence of Hindi.

Related Posts

Motivational Success Stories in Hindi: सफलता की कहानियाँ

August 20, 2023

Motivational Kahani in Hindi: प्रेरणादायक हिन्दी कहानियाँ 

July 28, 2023

छोटे बच्चों की कहानियां: Bachcho ki Kahaniyan

June 25, 2023

बच्चों की कहानियां | Baccho Ki Kahaniya

June 23, 2023

शिक्षक और विद्यार्थी की कहानी | Sikshak & Vidharthi

June 18, 2023

महान शिक्षक की कहानी | शिक्षक श्री रामचंद्र की कहानी

June 18, 2023
Add A Comment

Leave A Reply Cancel Reply

Most Popular

Fire Hazards In Operating Rooms

November 8, 2023

History of Sashimi and Sushi: Explore the Origins and Evolution of these Traditional Japanese Delicacies

November 8, 2023

Cryptocurrency and regulation: is crypto regulation needed?

November 3, 2023

The Future of Electronic Document Signing Technologies

November 2, 2023
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Disclaimer
  • Sitemap
Hindiknowladge.com © 2023 All Right Reserved

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.