Close Menu
Hindi KnowladgeHindi Knowladge
  • News
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Sports
  • Tips
  • Tech
Facebook X (Twitter) Instagram
Facebook X (Twitter) Instagram
Hindi KnowladgeHindi Knowladge
Contact Us
  • News
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Sports
  • Tips
  • Tech
Hindi KnowladgeHindi Knowladge
Home >> Motivational Short Story In Hindi दो प्राचीन कहानियाँ
कहानियाँ

Motivational Short Story In Hindi दो प्राचीन कहानियाँ

By Shivam KasyapJuly 7, 2021No Comments7 Mins Read
Motivational Short Story In Hindi
Share
Facebook Twitter Reddit Telegram Pinterest Email

Motivational Short Story In Hindi

Welcome Guys, आपके लिए इस बार दो ऐसी कहानियाँ लेके आया हूँ। जो जीवन के लिए शिक्षाप्रद है और आपको तो एक बार जरूर पढ़नी चाहिये क्योंकि कहानियाँ पढ़ना Youtube पर Funny Video देखने से तो अच्छा ही हैं। Youtube पर Funny Video देखने में कुछ नहीं मिलेगा लेकिन अगर आप अपना Important Time कहानियाँ पढ़ने में लगाओगे तो में दाबा करता हूँ कि आपका नॉलेज बहुत ज़्यादा बढ़ेगा और आपको अपने जीवन के लिए बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। तो बिना कोई देर किये कहानियाँ पढ़ना शुरू कीजिये।

धर्म संकट

एक बार इन्द्रपुर गाँव में एक विद्वान पंडित का आगमन हुआ, नाम था विश्वम्भर शर्मा। विश्वम्भर धर्मशास्त्रों में पारंगत और प्रवचन में कुशल थे। गाँव के बुजुर्गों ने विश्वम्भर से शास्त्रों पर प्रवचन करने का अनुरोध किया। विश्वम्भर ने स्वीकार कर लिया। गाँव के शिवालय में सभा का उचित प्रबंध किया गया।

पहले दिन विश्वम्भर ने शास्त्रों के अनुसार धर्म की व्याख्या की और अनेक उदाहरणों से अपने भाषण में प्राण भर दिये। अन्त में उन्होंने कहा, “पाप केवल पापाचरण को ही नहीं कहते, उसमें सहयोग देने को भी कहते हैं। उदाहरण के लिए जिस प्रकार मद्यपान करना पाप है, वैसे ही मद्यपान करने वालों के साथ संपर्क रखना, उन्हें सहायता या किसी प्रकार का प्रोत्साहन देना भी पाप ही मानना चाहिए। “
दूसरे दिन विश्वम्भर ने अपने प्रवचन में कहा,”मनुष्य को कैसी भी स्थिति में असत्य नहीं बोलना चाहिए।” उन्होंने इस प्रसंग में राजा हरिश्वर की कहानी सुनाकर सबके हृदय को द्रवित कर दिया।

विश्वम्भर शर्मा अपन प्रवचन समाप्त करके अपने आतिथेय गाँव के मुखिया गौरीनाथ के घर की तरफ बढ़ने लगे। रास्ते में अनन्तराम नाम के एक युवक ने उन्हें प्रणाम करके कहा,”पंडितजी, आपने धर्म की अनके सूक्ष्म बातों को मर्मस्पर्शी शैली में प्रकट किया है. मैं अपने जीवन को उनके अनुरूप ढालने का प्रयत्न करूँगा !” यह कहकर अनन्तराम चला गया।

युवक अनन्तराम की बात सुनकर पं. विश्वम्भर शर्मा को अत्याधिक प्रसन्नता हुई। वे साथ आ रहे मुखिया गौरीनाथ से बोले,”आज के ज़माने में किसी आदर्श का पालन करने वाले युवकों का नितान्त अभाव हो गया है। ऐसी स्थिति में अनन्तराम की प्रशंसा करनी होगी, जो सुने हुए को अमल में लाने का इच्छुक है।”

मुखिया गौरीनाथ ने मुस्कुराकर कहा,”आपने अनन्तराम की बात पर एकदम विश्वास कर लिया ! यह एक शरारती युवक है और गाँव के बड़े-बूढ़ों के प्रति बिलकुल श्रद्धा नहीं रखता। मुझे तो पूरा संदेह है कि कोई अवसर ढूँढ़कर आपकी मज़ाक उड़ाना चाहता है। “
विश्वम्भर कुछ क्षण मौन रहकर बोले,”आदमी का यह स्वभाव होता है कि वह दूसरे की सच्चाई पर विश्वास नहीं करना चाहता। पर मेरा विश्वास है कि अनन्तराम ने जो कुछ कहा है, वह सच है और उसने मेरे प्रवचन को पूरी तरह हृदयंगम किया है। “

Motivational Short Story In Hindi

दूसरे दिन प्रातः काल विश्वम्भर शर्मा गौरीनाथ के चबूतरे पर बैठकर किसी से बात कर रहे थे कि अनन्तराम ने प्रवेश करके उन्हें प्रणाम किया। फिर वह बोला,”पंडितजी, मैं आज बड़े धर्मसंकट में फँस गया हूँ। इस संकट से बाहर निकलने का उपाय भी आपको ही बताना होगा।”
विश्वम्भर ने पूछा,”बोलो, बताओ, वह कौन- सा धर्मसंकट है ?”

“पंडितजी,आज सुबह जब मैं खेत पर लौट रहा था तो रास्ते में मुझे दो शराबी मिले। वे इस गाँव के नहीं थे। वे मुझे तंग करने लगे कि मैं उन्हें इस गाँव के शराबख़ाने का रास्ता बताऊँ। मैंने आपके मुँह से सुना था कि शराब पीने की तरह ही शराबियों की मदद करना भी पाप है। इसलिए मैंने उन्हें बताया कि मैं शराबख़ाने का रास्ता नहीं जानता हूँ। पर पंडितजी, मैं तो जानता हूँ कि शराबख़ाना कहाँ पर है। बाद में जब मैंने इस घटना पर विचार किया तो मुझे लगा कि मैंने झूठ का सहारा लिया है। वे शराबी भी अभी तक सड़कों पर भटक रहे हैं।”अनन्तराम ने कहा।

विश्वम्भर ने कुछ हँसकर कहा,”इसमें धर्मसंकट की कोई बात नहीं है। तुमने जो कुछ किया, ठीक किया। बुरे काम करने वाले को रोकने के लिए बोला गया वचन या किया गया कर्म धर्मसंगत ही कहलाता है।”

विश्वम्भर का उत्तर सुनकर अनन्तराम ज़ोर से बोलने लगा,”अरे,आप भी कैसे पंडित हैं ? शराबख़ाने का पता बतायें तो यह काम शराबियों को प्रोत्साहन देने में आ जायेगा, लेकिन पता मालूम होने पर भी ‘नहीं मालूम है’ ऐसा कह दें तो वह झूठ बोलना हो जायेगा। ऐसे समय क्या करना चाहिए, क्या यह बात शास्त्रों में नहीं बतायी गयी है ?”

मुखिया गौरीनाथ को पहले ही संदेह था। अब बाहर शोर सुना तो वह समझ गया कि अनन्तराम ने विश्वम्भर शर्मा के सामने अवश्य ही कोई बखेड़ा खड़ा किया है। इस बीच कुछ लोग बाहर जमा हो गये थे।

Motivational Short Story In Hindi

अनन्तराम ने गौरीनाथ को अपना हाल बताकर कहा,”मुखिया जी, ये कैसे पंडित है जो ऐसे मामूली से धर्मसंकट से मुक्ति पाने का उपाय भी नहीं बता सकते ? ये इतने साधारण से मार्गदर्शन में असमर्थ हैं, फिर भी हम हर रोज़ इनका प्रवचन सुनते हैं और भेड़ों की भाँति सिर हिलाते हैं।
गौरीनाथ ने शांतिपूर्ण स्वर में कहा,”जो कुछ हुआ, उसके लिए पंडितजी की निंदा क्यों करते हो ? तुम जिसे धर्मसंकट कहते हो, उसमे उबरने का रास्ता भी तुम्हारे हाथों में है। “

“अच्छा, ऐसी बात है ! क्या वह रास्ता आप मुझे बतायेंगे ?” अनन्तराम ने विस्मित होकर प्रश्न किया।

“तुम इसी समय जाओ और उन शराबियों से मिलकर कहो -‘मैं शराबख़ाने का रास्ता जानता हूँ, लेकिन मैं तुम्हें बताना नहीं चाहता।” उन्हें यह जबाब देकर तुम अपने घर जाओ, तुम्हारा धर्मसंकट स्वयं ही दूर हो जायेगा। “

वहाँ जो लोग एकत्रित हो गए थे, वे गौरीनाथ की बातों का समर्थन करते हुए तालियॉँ बजाने लगे। उनकी हँसी से अनन्तराम का सिर शर्म से झुक गया और वह वहाँ से चला गया।

अब विश्वम्भर शर्मा ने कहा,”धर्मसंकट खड़ा करने वाले अनन्तराम जैसे लोगों से निपटने के लिए मेरा पांडित्य कम पड़ गया। वास्तव में ऐसी समस्याओं के हल में पांडित्य की नहीं व्यावहारिक ज्ञान की ज़रूरत है। इस क्षेत्र में मुखिया गौरीनाथ जैसे व्यक्ति ही सफल हो सकते हैं। “

Motivational Short Story In Hindi

दो बूँदे

अफ्रीका के किसी पर्वत पर डायना नाम की परी रहती थी। कहते हैं-परी के पास अमृत की कुछ बूँदे थीं।

कांगो नदी के निकट कुछ गाँव थे। वही एंडीमियन नाम का गड़रिया रहता था। वह गरीब किसानों की मदद करता था। गाँव वाले उसे बहुत मानते थे। वह देवलोक में भी प्रसिद्ध हो गया था। धीरे-धीरे देवताओं में उसके प्रति ईर्ष्या जाग उठी। वे कहते-” एंडीमियन कभी भी देवता नहीं बन सकता।’ पर देवलोक में रहने वाली नारियाँ उसे देवता की तरह मानती थीं। एक दिन उन्होंने देवताओं से कहा-” एंडीमियन को देवता बनने से कोई नहीं रोक सकता।”

“हम एंडीमियन को एक ऐसी जड़ी सुंघा देंगे जिससे वह काफी दिनों के लिए बेहोश हो जाएगा।”-देवताओं ने कहा। फिर उन्होंगे मिलकर एंडीमियन के खिलाफ साजिश रची।

एक देवता मौका मिलते ही जंगल में जा पहुँचा। एक जगह एंडीमियन आराम कर रहा था। देवता ने उसे बेहोशी की जड़ी सुंघा दी। वह बेहोश हो गया। देवता चला गया। तभी उधर से गांव वाले गुजरे। उन्होंने एंडीमियन को देखा तो चौंके। उन्होंने एंडीमियन को हिलाया-डुलाया। पर उसने कोई हरकत नहीं की। वे उसे मरा जान, वहीं छोड़ गए।

एक दिन उधर से डायना परी निकली। उसने रास्ते में एंडीमियन को बेहोशी की हालत में देखा। परी ने भी उसके बारे में बहुत कुछ सुना था। तभी कुछ पक्षियों ने उसे घेर लिया। उन्होंने परी से कहा-“आप इसे जीवित कर दें।” डायना ने उनका कहा मान, अपना हाथ एंडीमियन के माथे पर रख दिया। सहसा वह उठ बैठा। उसने परी को धन्यवाद दिया और घर की ओर चल दिया।

एंडीमियन घर पहुँचा, तो पुरे गाँव में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। अब वह पहले से भी अधिक परोपकार करने लगा।

यह खबर डायना को लगी। उसने सोचा-“अब मुझे एंडीमियन को देवता बनाने में देर नहीं करनी चाहिये।” यह सोच डायना परी उसके पास आई। उसने एंडीमियन को अमृत की दो बूँदे पिला दीं। वह अमर हो गया।

Motivational Short Story In Hindi

Finally आप कहानी के अन्त तक पहुँच चुके है, बहुत कम लोग होते हैं तो अपना Important Time, अपने Knowledge को बढ़ाने में Invest करते हैं। आपने अपना Important Time इस कहानी को पढ़ने में दिया है, तो हम आशा करते हैं,कि आपका Time waste नहीं हुआ होगा। आपने कुछ न कुछ जरूर इस कहानी से सीखा होगा। और अगर कहानी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। Thank You !
ऐसी ही और कहानियाँ पढ़ने के लिए Click Here

moral short stories in hindi moral stories in hindi in short moral story in hindi short motivation story in hindi motivational short story in hindi motivational stories in hindi motivational story for student in hindi new moral story in hindi short stories in hindi with morals short story in hindi
Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Telegram Reddit Email
Previous ArticleDaily Use Sentence Hindi To English हिंदी से अंग्रेजी वाक्य
Next Article King Story In Hindi एक राजा और उसके सिंहासन की पुतलियाँ 
Shivam Kasyap
  • Website
  • Facebook

I'm Shivam Kasyap, a passionate explorer of the vast realm of knowledge. At hindiknowladge.com, I embark on a journey to unravel the wonders of information and share them in the eloquence of Hindi.

Related Posts

Motivational Success Stories in Hindi: सफलता की कहानियाँ

August 20, 2023

Motivational Kahani in Hindi: प्रेरणादायक हिन्दी कहानियाँ 

July 28, 2023

छोटे बच्चों की कहानियां: Bachcho ki Kahaniyan

June 25, 2023

बच्चों की कहानियां | Baccho Ki Kahaniya

June 23, 2023

शिक्षक और विद्यार्थी की कहानी | Sikshak & Vidharthi

June 18, 2023

महान शिक्षक की कहानी | शिक्षक श्री रामचंद्र की कहानी

June 18, 2023
Add A Comment
Leave A Reply Cancel Reply

Most Popular

Indigo Powder for Natural Hair Dye: Benefits & How to Use

November 8, 2025

Bring Past Tense: Definition, Formula, and Easy Examples

November 8, 2025

Take Past Tense: Definition, Formula, and Easy Examples

November 7, 2025

Fly Past Tense: Definition, Formula, and Easy Examples

November 7, 2025
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Disclaimer
  • Sitemap
Hindiknowladge.com © 2025 All Right Reserved

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.