एक चिड़ियाँ  कहानी 

बहुत वर्ष पहले अवध के एक छोटे-से राज्य में एक प्रतापी राजा राज्य करता था। वह प्रजा में अत्यंत लोकप्रिय था। उसे प्रकृति से बहुत प्रेम था।

उसका बगीचा बहुत सुन्दर था।  दूर-दूर  से वृक्ष मंगाकर उसने अपने उपवन को नंदन वन सा बना रखा था।

उसके बाग़ में एक बबूल का वृक्ष था। इधर कुछ दिनों से उस पर एक नन्हीं चिड़िया आकर बैठती थी। रात के प्रथम प्रहर से अंतिम प्रहर तक वह कुछ पंक्तियाँ को बार-बार  दोहराती थी।

राजा पक्षियों की बोली समझता था। रात के प्रथम प्रहर में चिड़िया कहती-“अरे किस मुख से दूध डालूँ। अरे, आकर मुझे कोई बताए न ?”

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