मुर्ख से मूर्खों जैसी ही भाषा बोलनी चाहिए।
बुढ़ापे में आपको रोटी आपकी औलाद नहीं, आपके दिए हुए संस्कार ही खिलाएंगे।
शत्रु सदैव लापरवाही और बुरी आदतों का लाभ उठाता है।
जीवन में आगे बढ़ना है तो बहरे हो जाओ क्योंकि अधिकतर लोगों कि बातें मनोबल गिराने वाली होती है।
कुछ करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति के लिए इस दुनियाँ में कुछ भी असंभव नहीं है।
इस संसार में बिना स्वार्थ के कोई भी रिश्ता नहीं बन सकता है और यह जीवन का कड़वा सच है।
जो व्यक्ति अपनी गलतियों के लिए स्वयं से लड़ता है उसे कोई भी हरा नहीं सकता
सिर्फ पानी से नहाने वाला कभी सफल नहीं होता पसीने से नहाने वाले ही दुनिया बदलते हैं।
कष्ट और विपत्ति मनुष्य को शिक्षा देने वाले श्रेष्ठ गुण हैं। जो साहस के साथ उनका सामना करते हैं वे विजयी होते हैं।
व्यक्ति के मन में क्या है
यह उसके व्यवहार से
प्रकट हो जाता है।
आगे पढ़ें