प्रजा की बुद्धिमानी
एक राजा था। वह बड़ा अत्याचारी था। आये दिन वह निर्दोष अपराधियों को कड़ी सजा देता था
और खजाने का सारा पैसा अपनी विलासिता में खर्च कर देता था।
जब आधा खजाना खाली हो जाता था तब वह प्रजा के ऊपर अन्याय करता तथा कर लगाकर पैसा वसूल करता था।
राजा के
अत्याचार से प्रजा बहुत दुखी थी।
जाने प्रजा ने आखिर किया क्या अत्याचारी राजा से बचने के लिए
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