महाराणा प्रताप की कहानी 

स्वतंत्रता संग्राम में जूझते हुए राणा प्रताप वन पर्वतों में अपने छोटे परिवार सहित मारे-मारे फिर रहे थे।

एक दिन ऐसा अवसर आया कि खाने के लिए कुछ भी नहीं था।

अनाज को पीसकर उनकी धर्मपत्नी ने जो रोटी बनाई थी उसे भी वनविलाव उठा ले गया।

छोटी बच्ची भूख से व्याकुल होकर रोने लगी।

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