आचार्य चाणक्य ने दिया मनुष्य जाति को सच्चा ज्ञान

हिम्मत करने से गरीबी दूर हो जाती है।  पूजा करने से पाप मिट जाते हैं।  चुप रहने से झगड़ा मिट जाता है। 

कांठे और पापी के दबाने के दो ही रास्ते हैं।  पहला उसे तरीके से समझना।  यदि वह प्यार से नहीं समझता तो फिर जूते से समझाना।

अच्छा पुत्र वही होता है जो माँ बाप की आज्ञा का पालन करे।

वही पिता योग्य और अच्छा है, जो अपनी संतान का पालन-पोषण अच्छे ढंग से करे।

सच्चा दोस्त वही होता है, जो मित्र से विश्वासघात न करे।

रिश्तेदारों के प्यार का पता दुःख के समय लगता है।

दोस्ती का पता भी संकट की घड़ी में ही लगता है।

जो दुःख और गरीबी में साथ देते हैं, उन्हें ही अपना सच्चा साथी मानना चाहिए।

पत्नी के प्यार की परीक्षा भी उस समय ली जाती है जब आदमी निर्धन हो जाता है।