युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद ने महज 25 वर्ष की उम्र में ही संन्यास का मार्ग चुन लिया था।
उनके गुरु का नाम रामकृष्ण परमहंस था।
उनसे स्वामी की मुलाकात तब हुई जब वे ईश्वर की खोज कर रहे थे।
उन्होंने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।