Wonder of Science Essay in Hindi
विज्ञान और आधुनिक जीवन पर निबंध
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शब्दों में
विज्ञान पर निबंध
विज्ञान और मानव जीवन – आज मानव, विज्ञान के युग में श्वास ले रहा है। उसका दैनिक जीवन विज्ञान से प्रभावित है और उसने प्राकृतिक साधनों का सुख तथा समृद्धि के लिए प्रयुक्त विचार सीख लिया है। जैसे-जैसे वह सभ्यता और संस्कृति के उन्नत शिखर पर चढ़ता जाता है।
वैसे-वैसे उसकी आवश्यकताएँ भी बढ़ती चली जाती हैं। इन जरूरतों को पूरा करने के लिए हर दिन नए उत्पाद बनाए जाते हैं। आज विश्व के सभी भागों में विज्ञान ने धूम मचा रखी है। आविष्कारों ने मानव जीवन में ढेर सारी खुशियाँ ला दी हैं। लिखने के लिए सुन्दर सुडोल फाउंटेनपेन से लेकर चिकने सफ़ेद कागज तक सभी वस्तुएं यंत्रों में ढलकर उसकी सेवा में प्रस्तुत हो जाती हैं। बटन दबाते ही कमरे का गहन अंधेरा बिजली के प्रकाश से जगमगाने लगता है।
विश्व ने कृषि, व्यापार, चिकित्सा और यातायात सभी क्षेत्रों में अपना प्रभाव जमा रखा है। आज मानव बिना विज्ञान के जीवन जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता है। विज्ञान और मानव-जीवन पर्याय बन गए हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान – विज्ञान ने समय को भी अपने चंगुल से नहीं छोड़ा है। ऐसी-ऐसी मशीनों का आविष्कार हो चुका है जो प्रकृति तथा मनुष्य के द्वारा लम्बे समय में किये जाने वाले कार्यों को थोड़े समय में कर देती है। रेडियो, टेलीविजन, तार, बेतार का तार और टेलीप्रिन्टर द्वारा पलक मारते ही संसार के एक छोर से समाचार दूसरे छोर तक पहुँच जाते हैं।
भौतिक विज्ञान, जन्तु विज्ञान, खगोल विज्ञान, वनस्पतिशास्त्र, रासायनशास्त्र आदि विषयों का अच्छा ज्ञान वैज्ञानिक आविष्कारों की सहायता से सरलता से हो जाता है। अणुवीक्षण यंत्र तथा दूरदर्शन यंत्रों की सहायता से मानव-ज्ञान की सूक्ष्मता बढ़ चुकी है। रेडियो, टेलीविजन तथा चलचित्रों की सहायता से विद्यार्थियों को मनोरंजन ढंग से प्रायः सभी विषयों की शिक्षा दी जाती है। ‘प्रेस’ के जीवन से पुस्तकों तथा समाचार-पत्रों की प्राप्ति सरल से सरलतम हो गयी है।
हमारे दैनिक जीवन में भी विज्ञान ने अपूर्व सहायता की है। कपड़ा, फर्नीचर, सुई, कागज, पेंसिल, फाउण्टेन पेन, समाचार पत्र, प्रसाधन दृश्य आदि सभी जीवनोपयोगी वस्तुएँ विज्ञान की दी हुई हैं। प्रियजनों के रूप तथा स्वर को सुरक्षित रखने के लिए कैमरा, टेपरिकॉर्डर का आविष्कार हो चुका है। हमारे नित्य-प्रति के जीवन में विज्ञान की झलक सभी जगह दिखाई देती है। विज्ञान के आविष्कारों से कोई क्षेत्र अछूता नहीं रह गया है।
विज्ञान वरदान के रूप में – सच तो यह है कि विज्ञान की कृपा तब से, सभी दिशाओं में जनसंख्या में वृद्धि हुई है। उनकी उपस्थिति दूर-दूर तक फैली हुई है. विज्ञान ने भूखों को भोजन, गरीबों को धन और नंगों को वस्त्र रोगी को दवा और स्वास्थ्य, बेकार को रोजगार, अंधे को आंखे, बहरे को कान, लंगड़े को टांग और जिन्हें जो चाहिए, सबको मुँह माँगा वरदान दिया।
आविष्कारों के रूप में – विज्ञान ने मानव-श्रम की बचत की है। मशीनों के द्वारा बहुत ही कम समय में एक-सी अनेक वस्तुएं प्राप्त कर सकते हैं। बिजली से भोजन, हवा, ठण्ड, मनोरंजन, सन्देश और प्रकाश प्राप्त कर सकते हैं। विज्ञान की मदद से मानव ने जिस स्वर्णिम सभ्यता को जन्म दिया, आज वह अपने उन्हीं हाथों से उसे नष्ट-भ्रष्ट करने पर तुला है। विज्ञान के आविष्कारों ने वरदान के रूप में मानव-जाति की जो सेवा की है, वह अमूल्य है। इससे इतिहास में जो युग-परिवर्तन हुआ है, उसे कदापि विस्मृत नहीं किया जा सकता। विज्ञान ने ‘सत्यं शिवम सुंदरम’ को साक्षात्कार कर दिखाया है।
Wonder of Science Essay in Hindi(विज्ञान पर निबंध) Wonder of Science Essay in Hindi
चिकित्सा के क्षेत्र में – इस क्षेत्र में तो अद्भुत आविष्कार हो चुके हैं। पहले काली खांसी का इलाज असम्भव था; किन्तु अब एस्पिरन नामक पदार्थ उसके लिए अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हुआ है। एक्सरे मशीन एक दैवी वरदान है जिससे शरीरस्थ गुप्त रोगों का पूर्ण ज्ञान हो जाता है। ब्लूडप्रेसर के लिए सर्पगन्धा नामक जड़ी-बूटी से दवा तैयार की जा चुकी है। प्राचीन काल में कैंसर जैसे रोगों का इलाज असम्भव था लेकिन विज्ञान ने आज कैंसर जैसे रोगों से भी निपटने के लिए मानव जीवन को सक्षम किया है।
शिक्षा के क्षेत्र में – इस क्षेत्र में प्रेस की सुविधा के कारण आज सभी विषयों की पुस्तकें आसानी से उपलब्ध हैं। चित्रपट व दूरदर्शन द्वारा भी शिक्षा का प्रसार किया जा रहा है। विगत वर्षों में शिक्षक संघ की बैठक में यह विचार किया गया है कि अधिकाधिक मात्रा में छात्रों को फिल्मों के माध्यम से आसान शिक्षा दी जानी चाहिए, ताकि वे खेल के सभी विषयों को याद कर सकें।
उद्योगों के क्षेत्र में – इस क्षेत्र में विज्ञान द्वारा निर्मित विशालकाय मशीनों से मानवोपयोगी अनेकानेक अद्भुत वस्तुओं का निर्माण हो रहा है। लाखों श्रमिकों को उद्योगों में काम मिल रहा है।
यातायात के क्षेत्र में – इसके साधनों ने विज्ञान द्वारा बहुत उन्नति की है। विज्ञान के प्रताप से आज दूर से दूर का स्थान भी समीप से समीपतर है। रेल, मोटर, जलयान, वायुयान, हैलीकॉप्टर आदि साधनों द्वारा कोई भी स्थान दूर नहीं रह गया है। इस संसार की तो बात ही क्या है ? आज का वैज्ञानिक चंद्रलोक की भी यात्रा कर आया है मंगललोक पर जाने की तैयारी कर रहा है।
फिटफिट, मोटर, रेल, वायुयान, रॉकेट तथा अपोलो जैसे यानों से थोड़े समय में अधिक सफर किया जा सकता है। जर्मनी में एक ऐसे यान का निर्माण हुआ है। जिसमें 400 यात्री एक साथ यात्रा कर सकते हैं। बर्लिन में एक पानी में चलने वाले ऐसे अण्डाकार स्कूटर का निर्माण हुआ है। जिसकी गति प्रति घण्टा 12 मील है। अमेरिका में हवाई साईकिल बन चुकी है जिसका वजन दो सौ पौण्ड है।
मनोरंजन में –क्या विज्ञान का मानव जाति के मनोरंजन से कोई लेना-देना नहीं है? रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल, लैपटॉप, आदि। ये ऐसे आविष्कार हैं कि दुनिया के एक छोर से दूसरे छोर तक खबरें पहुंचने में देर नहीं लगती.
विज्ञान अभिशाप के रूप में – प्रत्येक गुण-युक्त वस्तु दोषों से रहित नहीं होती है। चन्द्रमा में कलंक है, पुष्प काँटों में खिलते हैं। भस्मासुर महादेव से वरदान प्राप्त करके उन्हें ही भस्म करने चला। इसी प्रकार आज विज्ञान भी मानवता का सर्वनाश करने को तैयार है। “हिरोशिमा” और “नागासाकी” पर गिराये गए बम इसका प्रमाण हैं।
मशीनों की गुलामी एवं बेरोजगारी – विज्ञान ने मनुष्य को मशीनों का गुलाम बना दिया है। एक मशीन एक हजार लोगों को रोजगार देती है। इसलिए 999 लोग खुद को बेरोजगार पाते हैं.
आंतरिक बेचैनी – व्यक्ति बाहर से समृद्ध होने पर भी आंतरिक बेचैनी रखता है। उसकी आस्था में ईश्वर की जगह तर्क ही सब कुछ नजर आता है, क्योंकि उसे पूर्ण शांति नहीं मिलती।
उपसंहार – आज के राजनीतिज्ञों को स्वार्थ-भावना, युद्ध-लिप्सा तथा शक्ति-परीक्षण की बातों को छोड़कर मानव की चतुर्मुखी उन्नति के लिए प्रयत्न करना चाहिए। तभी वैज्ञानिकों के लाभ लोगों की मदद कर सकते हैं और उनके जीवन को खुशहाल और सफल बना सकते हैं।
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