Quotes of Chanakya Niti in Hindi (आचार्य चाणक्य के 20 सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार)
1. हर आदमी के पास अपनी-अपनी शक्ति होती है। वह उसी में मस्त रहता है।
ब्राह्मण की शक्ति, शिक्षा।
राजा की शक्ति उसकी, सेना
वेश्या की शक्ति उसका, धन
शुद्र की शक्ति, सेवा में होती है। -(आचार्य चाणक्य )
2. यह एक खुला सत्य है कि निर्धन की वैश्व,
शक्तिहीन राजा को प्रजा,
फलहीन वृक्ष। इन सबका कोई भी लाभ नहीं होता। -(आचार्य चाणक्य )
3. वन में आग लगने पर हिरण
विद्या प्राप्त करने पर विद्यार्थी
भिक्षा लेने के पश्चात् भिखारी
यह बस अपने काम पुरे होते ही स्थान छोड़कर चले जाते हैं। -(आचार्य चाणक्य )
4. बुरी आदतों वाले पुरुष, बुरे स्थानों पर रहने वाले लोग इनसे जो भी मित्रता करता है वह एक न एक दिन धोखा खाता है। -(आचार्य चाणक्य )
5. सागर सदा शांत और गंभीर होता है।
किन्तु प्रलय काल में वह भी अपनी सीमा पार कर लेता है।
परन्तु अच्छे ज्ञान, बुद्धिमान एवं साधु लोग कभी अपनी सीमा का उल्लंघन नहीं करते।
वे सरकार की भाँति प्रलय में भी अपनी सीमा का बंधन नहीं तोड़ते। -(आचार्य चाणक्य )
6. मुर्ख प्राणी और पशु दोनों एक समान होते हैं।
इन दोनों में अंतर केवल इतना है कि पशु की पाँव चार और प्राणी के दो होते हैं।
मुर्ख प्राणी के अंदर काँटे भरे होते हैं। जो दिखाई नहीं देते,
किन्तु उनकी कड़वी बोली काँटों से भी अधिक तेज लगती है। -(आचार्य चाणक्य )
7. वंश की रक्षा के लिए अपने वंश में से एक को
गाँव की रक्षा के लिए पुरे देश को
आत्मा रक्षा के लिए पुरे संसार को ही दाँव पर लगाना ठीक होता है। -(आचार्य चाणक्य )
8. हिम्मत करने से गरीबी दूर हो जाती है।
पूजा करने से पाप मिट जाते हैं।
चुप रहने से झगड़ा मिट जाता है। -(आचार्य चाणक्य )
9. हर काम सीमा के अंदर रहकर करना चाहिए।
सीमा से बाहर किया हुआ हर काम नुकसान देता है।
बहुत सुन्दर होने के कारण सीताजी का अपहरण हुआ।
सीमा से भी अधिक गर्व करने के कारण रावण मारा गया।
सीमा से बाहर आकर दान करने से राजा बलि को बंधन में बंधना पड़ा। -(आचार्य चाणक्य )
10. जो सदा मीठा बोलता है ,
उसके लिए कोई पराया नहीं।
जिसके पास विद्या जैसा धन हो,
वह कहीं भी जाकर रह सकता है। -(आचार्य चाणक्य )
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11. व्यापार करना हो तो कोई देश दूर नही।
आत्म विश्वास से बढ़कर इस संसार में कोई दूसरी ताकत नहीं। -(आचार्य चाणक्य )
12. एक अच्छा फूलदार वृक्ष सारे वन की शोभा बढ़ा देता है।
इसी प्रकार एक अच्छा बेटा सारे वंश की शोभा बढ़ा देता है।
सौ मुर्ख बेटों में एक बुद्धिमान बेटा अच्छा होता है।
केवल एक वृक्ष में आग लगने से पूरा जंगल में आग लग जाती है।
एक का ही बड़ा महत्व होता है। एक चाँद सारे संसार को प्रकाश देता है।
अनेक से एक भला यदि वह सपूत हो। -(आचार्य चाणक्य )
13. कहीं झगड़ा या लड़ाई हो जाए तो।
अपने भयंकर शत्रु से भयानक आक्रमण होने पर।
किसी पापी का संग हो जाने पर।
जो भाग निकले वही बुद्धिमान होता है। अंत में विजय उसी की होती है। -(आचार्य चाणक्य )
14. लक्ष्मी का निवास कहाँ होता है ?
जहाँ पर मुर्ख की पूजा नहीं होती।
अनाज के भंडार सदा भरे रहते हों।
पति-पत्नी में झगड़ा न होता हो बस
इन स्थानों पर ही लक्ष्मी निवास करती है। -(आचार्य चाणक्य )
15. नदी के किनारे के पेड़।
दूसरों के घर में रहने वाली अपनी पत्नी।
बिना मंत्री का राजा।
यह हर साल में नष्ट हो जाते हैं।
नदी के किनारे का पेड़ नदी के कटाव के कारण गिर जाता है।
पत्नी अलग रहने के कारण अच्छी सलाह न पाने के कारण ,
राजा जब राज न चला सके तो प्रजा विद्रोह कर देती है। -(आचार्य चाणक्य )
16. जीवन में कुछ कष्ट अधिक दुःख दायक होते हैं।
इन कष्टों के कारण शरीर बिना आग के जल जाता है।
जैसे कि पानी का वियोग,
अपनों द्वारा किया अपमान,
बचे हुए कर्ज का न दे पाना,
दुष्ट राजा की सेवा, दुष्ट का संग
यह सब चीजें बहुत दुःखदाई होती है। -(आचार्य चाणक्य )
17. जो माँ-बाप अपनी औलाद को शिक्षा नहीं दिलवाते,
उन्हें अपनी औलाद का सबसे बड़ा शत्रु मानना चाहिए।
ऐसी अनुपम संतान जब बड़ी होकर समाज में प्रवेश करती है
तो उसे यह पता चलता है कि बिना शिक्षा के तो इस संसार में कोई नहीं पूछता।
वो हर स्थान पर अपने आपको छोटा महसूस करते हैं।
कोई पढ़ा लिया आदमी उन्हें अपने पास बैठाना नहीं चाहता। -(आचार्य चाणक्य )
18. चतुर पुरुष वही है, जो अपने मन की बात कभी भी दिल से नहीं निकालता
और मन ही मन में विचार करता रहता। उसे आम लोगों से
छिपाकर रखता है। ऐसे ही लोग जीवन में सफल हो सकते हैं।
जो गुप्त बातें मन में छुपा कर रखते हैं, सफलता उनके साथ होती है।
कई स्थानों पर विपरीत दिशाएँ भी होती हैं।
किसी भी चीज के बाहरी रूप को देखकर आप उसके बारे में निर्णय न करें।
जो बाहर से नजर आता है, जरुरी नहीं कि यही अंदर हो। -(आचार्य चाणक्य )
19. ऐसे मित्र से सदा दूर रहो, जो मुँह का मीठा हो और पीठ के पीछे बुराइयां करता हो
और बनते कामों में रोड़ा अटकाता हो।
ऐसा दोस्त उस जहर भरे मटके समान होता है
जिसके मुँह पर थोड़ा सा दूध भर दिया गया हो।
बुरे मित्र का कभी भी विश्वास मत करो
अच्छे मित्र का भी पूर्ण रूप से विश्वास मत करो,
उसे भी दिल से ससारे भेद नहीं देने चाहिए।
क्योंकि यदि कभी आप अमीर हो जायें तो
वह आदमी कमजोरियों को उछाल कर बदनाम कर सकता है। -(आचार्य चाणक्य )
20. पुत्र कैसा हो ?
पिता का आज्ञाकारी हो,
पिता कैसा हो ?
जो संतान को अच्छी तरह पाल सके, उसे अच्छी शिक्षा दे सके।
मित्र कैसा हो ?
जो विश्वास का पात्र हो, जो दुःख में काम आ सके।
पत्नी कैसी हो ?
जिसमें, सच्चा आनंद प्राप्त हो,
जो प्यार दे, दुःख-सुख में बराबर की साथी हो। -(आचार्य चाणक्य )
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